Sunday, September 17, 2023

नवदुर्गा

देखो आई आई नवरात 
दरश नव दुर्गा का 
सब देवेंगी आशीर्वाद ,
दरश नव दुर्गा का

पहली देवी शैलपुत्री है 
यह तो सती जी का है अवतार
 दरश नव दुर्गा का 

दूजी देवी ब्रह्मचारिणी,
आई वस्त्र श्वेत ये धार
दरश नव दुर्गा का 

चंद्रघटा है तीजी देवी ,
भक्ति शक्ति अपार 
दरश नव दुर्गा का 

चौथी देवी कूष्मांडा है , 
रचा जिसने सकल संसार ,
दरश नव दुर्गा का 

स्कंधमाता देवी पांचवी,
करें कार्तिकेय से प्यार
दरश नव दुर्गा का 

छठवीं देवी कांतायनी मां ,
 ये है शक्ति का भंडार 
दरश नव दुर्गा का 

सातवीं देवी कालरात्रि है ,
करे दुष्टों का संहार,
दरश नव दुर्गा का 

महागौरी है देवी आठवीं ,
सुंदर,शांत व्यवहार 
दरश नव दुर्गा का 

नवमी देवी सिद्धिदात्री ,
करे सब पर कृपा अपार 
दरश नव दुर्गा का 

करके दर्शन नव देवी का 
पाएं आशीर्वाद सभी का 
होगा जीवन में आल्हाद,
दरश नव दुर्गा का 
देखो आई आई नवरात
 दरश नव दुर्गा का

मदन मोहन बाहेती घोटू

बोलो श्याम श्याम श्याम


मेरे मन के अंदर श्याम 

मेरे तन के अन्दर श्याम

मेरे रोम रोम में श्याम 

जपता हूं मैं सुबह शाम

बोलो श्याम श्याम श्याम 


बाबा नंद जी के दुलारे 

मैया जसमत के तुम प्यारे

कभी गोकुल गांव के ग्वाले 

वन में धेनु चराने वाले 

बालक रूप धरे भगवान 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


कभी माखन हो चुराते 

कभी गोपी को सताते 

कभी बांसुरी हो बजाते 

जमुना तट पर रास रचाते 

ऐसे प्यारे तुम घनश्याम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


तुम हो बांके बहुत बिहारी 

तुम बनवारी,किशन मुरारी 

कभी हो मोर मुकुट के धारी 

सोलह कला के अवतारी 

कैसी सुंदर छवि अविराम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 




जय जय कृपासिंधु सब लायक

सुमिरन तुम्हारा सुखदायक

तुम हो महाभारत के नायक 

जय जय गीता ज्ञान के गायक 

जाकर बसे द्वारका धाम 

बोलो श्याम श्याम श्याम


जय जय चक्र सुदर्शन धारी

मन में बसी है छवि तुम्हारी

कितनी सुन्दर कितनी प्यारी

दर्शन दे दो ओ गिरधारी

तुमको कोटि कोटि प्रणाम

बोलो श्याम श्याम श्याम



मदन मोहन बाहेती घोटू

बोलो श्याम श्याम श्याम

मेरे मन के अंदर श्याम 
मेरे तन के अन्दर श्याम
मेरे रोम रोम में श्याम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

बाबा नंद के दुलारे 
मैया जसमत के प्यारे
कभी गोकुल के ग्वाले 
वन में धेनु चराने वाले 
बालक रूप धरे भगवान 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

कभी माखन चुराते 
कभी गोपी को सताते 
कभी बांसुरी बजाते 
कभी रास रचाते 
ऐसे प्यारे हैं घनश्याम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

कभी बनवारी गिरधारी 
कभी किशन मुरारी 
कभी मोर मुकुट के धारी 
सोलह कला के अवतारी 
कैसी सुंदर छवि अभिराम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

जय जय चक्र सुदर्शन धारक 
मामा कृष्ण के संहारक 
महाभारत के तुम नायक 
गीता ज्ञान के तुम गायक 
जाकिर बसे द्वारका धाम 
बोलो श्याम श्याम श्याम

मदन मोहन बाहेती घोटू