अहसास
बाल रंग लेने से होती है उमर कम तो नहीं ,
मन में अहसास जवानी का मगर आता है
देख कर आईने में सर पे पुरानी रौनक,
चन्द लम्हे ही सही ,दिल तो बहल जाता है
बुढ़ापा है तो क्या ,हम सजते और संवरते है,
पड़ी चेहरे की सभी झुर्रियां छुप जाती है
रूप जाता है निखर ,चमचमाता चेहरा है ,
पुरानी यादें जवानी की ,उभर आती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
बाल रंग लेने से होती है उमर कम तो नहीं ,
मन में अहसास जवानी का मगर आता है
देख कर आईने में सर पे पुरानी रौनक,
चन्द लम्हे ही सही ,दिल तो बहल जाता है
बुढ़ापा है तो क्या ,हम सजते और संवरते है,
पड़ी चेहरे की सभी झुर्रियां छुप जाती है
रूप जाता है निखर ,चमचमाता चेहरा है ,
पुरानी यादें जवानी की ,उभर आती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'