मै सेंटीमेंटल फूल हूं
मैं अपने पूरे परिवार से भावात्मक रूप से जुड़ा हुआ हूं
सभी के सुख-दुख में हमेशा ही उनके साथ खड़ा हुआ हूं
सभी रिश्तों की अहमियत समझता हूं और कदर करता हूं
अपने यार दोस्त और शुभचिंतकों का पूरा ख्याल रखता हूं
प्यार के रिश्तों में हानि लाभ की कभी नहीं सोचा करता हूं
उनके सुख दुख और जरूरत में सबसे पहले पहुंचा करता हूं
अपने छोटों से प्यार और अपने बुजुर्गों का सम्मान करता हूं
बदले में सभी से थोड़ी सी प्यार की अपेक्षा रखता हूं
आधुनिक सभ्यता और जीवन मूल्यों से एकदम प्रतिकूल हूं
सठियाया हुआ बुड्ढा हो गया हूं,
एकदम फिजूल हूं
जी हां, मैं एक "सेंटीमेंटल फूल" हूं
मदन मोहन बाहेती घोटू