महिलायें
(महिला दिवस पर विशेष)
महिलायें ,
जब आपका मन मोह जाये
आपके जीवन को हिलायें
तन मन को बहलाये,सहलाये ,
और घर की रानी कहलाये
महिला का दर्जा जीवन में पहला है
आप हमेशा नहला है वो हमेशा दहला है
उसे देवी समझ कर पूजो,
घर का माहोल बदल जाएगा
छोटा सा घर भी महल बन जाएगा
इन्हे प्रसन्न रखो क्योकि ये यदि कुपित हो जाये
तो अपने पहले दो शब्द ,'मही 'याने पृथ्वी को ,
अपने अंतिम दो शब्द 'हिला'से मिला दे
याने पृथ्वी को हिला कर ,भूकम्प ला दें
इसलिए खैरियत इसी मे है,
उनसे हिल मिल के रहो
उनके आगे दुम हिलाते रहो
उनकी हाँ में हाँ मिलाते रहो
और हर दिन महिला दिवस मनाते रहो
आपके जीवन को खुशी से लहलहाये
महिलाये
मदन मोहन बाहेती'घोटू '
(महिला दिवस पर विशेष)
महिलायें ,
जब आपका मन मोह जाये
आपके जीवन को हिलायें
तन मन को बहलाये,सहलाये ,
और घर की रानी कहलाये
महिला का दर्जा जीवन में पहला है
आप हमेशा नहला है वो हमेशा दहला है
उसे देवी समझ कर पूजो,
घर का माहोल बदल जाएगा
छोटा सा घर भी महल बन जाएगा
इन्हे प्रसन्न रखो क्योकि ये यदि कुपित हो जाये
तो अपने पहले दो शब्द ,'मही 'याने पृथ्वी को ,
अपने अंतिम दो शब्द 'हिला'से मिला दे
याने पृथ्वी को हिला कर ,भूकम्प ला दें
इसलिए खैरियत इसी मे है,
उनसे हिल मिल के रहो
उनके आगे दुम हिलाते रहो
उनकी हाँ में हाँ मिलाते रहो
और हर दिन महिला दिवस मनाते रहो
आपके जीवन को खुशी से लहलहाये
महिलाये
मदन मोहन बाहेती'घोटू '