Thursday, March 7, 2013

कत्था-चूना

       कत्था-चूना

देश को चूना लगाने वाले इन पनवाडियों  ने  
सत्ताधारियों ने
जनता के (खान)पान में ,इतना चूना लगाया है
कि  सारा का सारा मुख उपड आया है
और छाले पड  गए है जबान में
अब तो बस आएगा वो ही काम में
जो फटे हुए मुंह पर लगाएगा कत्था
अगली बार,वो ही पायेगा सत्ता

मदन मोहन बाहेती'घोटू'


बहुत तुम जुल्म ढाती हो

          बहुत तुम जुल्म ढाती हो

जो बोसा लूं,चुभे खंजर,
                    लूं चुम्बन काट खाती हो 
जो मै लूं हाथ हाथों में,
                     मुझे नाख़ून चुभाती  हो
जो फेरूँ हाथ जुल्फों पर ,
                      तो हेयरपिन मुझे चुभते,
बहुत तुम जुल्म ढाती हो,
                       जब मेरे पास आती हो

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

अबकी होली ऐसे खेलो

         अबकी होली ऐसे खेलो

घर के बुजुर्ग भी इन्सां है
उनके भी मन में अरमां है
एकाकीपन उन्हें खटकता है
मुश्किल से वक़्त  गुजरता है
तुम जान तभी ये पाओगे
जब तुम बूढ़े हो जाओगे
वे जीवनदाता  तुम्हारे
तुम लगते हो जिनको प्यारे
ये बात बहुत चुभती मन को 
कर रहे उपेक्षित तुम उनको
वे यह अहसान चाहते है
थोडा सा ध्यान चाहते है
मेरा तुमसे ये कहना है
वे बड़े दुखी है,तनहा है
उनका मन जरा टटोलो तुम
दो शब्द प्यार के बोलो तुम
मुट्ठी भर प्यार उन्हें दे दो
सुख का संसार उन्हें दे दो
अबकी होली में ले गुलाल
उनका मुंह रंग दो,लाल लाल
पग छुवो,करो प्रणाम उन्हें
दे दो थोडा सन्मान उन्हें
उनके झुर्राये  से मुख पर
उमड़ेंगे ,खुशियों के बादल
आँखों से बह कर प्रेमनीर
कर देगा तुमको भी अधीर
बस इतना सा कर देने पर
जायेंगे वो खुशियों से भर
वो दिल से तुम्हे दुआ देंगे  
और आशिषे बरसा देंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

होली का त्योंहार

        घोटू के पद
                1
      होली का त्योंहार 

आया होली का त्योंहार
साजन कहे ,न मलना गौरी ,मेरे गाल गुलाल
दो दिन नहीं हजामत किन्ही ,बढे हुए है बाल
कमल दलों से ,नाज़ुक,कोमल,हाथ तुम्हारे लाल
चुभ तुमको घायल ना करदे ,बालों का जंजाल
'घोटू'विहंस ,नायिका बोली,मोहे नहीं मलाल
कितनी बार चुभा  तुम दाढ़ी ,घायल किन्हें गाल
इस होली मै ,तुमको रंग कर,बरसा दूँगी प्यार
                     2
ऐसी, ऋतू बसंत की आई
स्वेटर ,शाल ढके दुबके थे,वो तन पड़े दिखाई
सूखे,फटे कपोलन पर ,अब आने लगी लुनाई 
बैठ गेलरी ,चाय पिवत ,बोली राधा ,अलसाई
तुम जल्दी घर पर आ जाना ,आज शाम कन्हाई
बहुत दिनों से  ,चाट पकोड़ी ,ना है हमने खायी 
देख मूड अच्छा राधा का,कान्हा मन मुस्काई
'घोटू'छुट्टी ले ,पूरे दिन  ,महिला दिवस मनाई

मदन मोहन बाहेती'घोटू'