Saturday, November 24, 2012

मिलन

            मिलन

मिलन मिलन में अक्सर काफी अंतर होता
जल जल ही रहता है ,टुकड़े  पत्थर  होता 
दूर क्षितिज में मिलते दिखते ,अवनी ,अम्बर
किन्तु मिलन यह होता एक छलावा  केवल
क्योंकि धरा आकाश  ,कभी भी ना मिलते है
चारों तरफ भले ही वो मिलते ,दिखते  है
मिलन नज़र से नज़रों का है प्यार जगाता
लब से लब का मिलन दिलों में आग लगाता
तन से तन का मिलन ,प्रेम की प्रतिक्रिया है
पति ,पत्नी का मिलन  रोज  की दिनचर्या है
छुप छुप मिलन प्रेमियों का होता उन्मादी
दो ह्र्दयों का मिलन पर्व ,कहलाता  शादी
  माटी और बीज का जल से होता  संगम
विकसित होती पौध ,पनपती बड़ा वृक्ष बन
सिर्फ मिलन से ही जगती क्रम चलता है
अन्न ,पुष्प,फल,संतति को जीवन मिलता है
हर सरिता,अंततः ,मिलती है ,सागर से
मीठे जल का मिलन सदा है खारे जल से
मिलन कोई होता है सुखकर ,कोई दुखकर
एक मिलन मृदु होता और दूसरा टक्कर
मधुर मिलन तो होता सदा प्रेम का पोषक
पर टक्कर का मिलन अधिकतर है विध्वंशक
टकराते चकमक पत्थर,निकले चिगारी
मिले हाथ से हाथ ,दोस्ती होती  प्यारी
हवा मिले तरु से तो हिलते ,टहनी ,पत्ते
मिले पुष्प,मधुमख्खी ,भरते मधु से छत्ते
शीत ग्रीष्म के मिलन बीच आता बसंत है
मिलन मौत से,जीवन का बस यही अंत है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

लक्ष्मी जी की कृपा

       लक्ष्मी जी की कृपा

लक्ष्मी जी का आकर्षण ही एसा है कि ,
 सब उसके प्रभाव से  बंध  जाते है
चिघाड़ने  वाले ,बलवान हाथी भी ,
उनको देख ,उमके सेवक बन जाते है 
और लक्ष्मी जी आस पास ,
अपनी सूंड उठा कर ,
पानी की बौछार करते हुए  नज़र आते है
कमलासन पर विराजमान,लक्ष्मी जी की,
कृपा जब आपके साथ होती है
तो दोनों हाथों से ,
पैसों की बरसात होती है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

कार्तिक के पर्व

       कार्तिक के पर्व

धन तेरस ,धन्वन्तरी पूजा,उत्तम स्वास्थ्य ,भली हो सेहत
और रूप चौदस अगले दिन,रूप निखारो ,अपना फरसक
दीपावली को,धन की देवी,लक्ष्मी जी का ,करते पूजन
सुन्दर स्वास्थ्य,रूप और धन का ,होता तीन दिनों आराधन
पडवा को गोवर्धन पूजा,परिचायक है गो वर्धन   की
गौ से दूध,दही,घी,माखन,अच्छी सेहत की और धन की 
होती भाईदूज अगले दिन,बहन भाई को करती टीका
भाई बहन में प्यार बढाने का है ये उत्कृष्ट  तरीका
पांडव पंचमी ,भाई भाई का,प्यार ,संगठन है दिखलाते
ये दो पर्व,प्यार के द्योतक ,परिवार में,प्रेम बढाते
सूरज जो अपनी ऊर्जा से,देता सारे जग को जीवन
सूर्य छटी पर ,अर्घ्य चढ़ा कर,करते हम उसका आराधन
गोपाष्टमी को ,गौ का पूजन ,और गौ पालक का अभिनन्दन
गौ माता है ,सबकी पालक,उसमे करते  वास   देवगण
और आँवला नवमी आती,तरु का,फल का,होता पूजन
स्वास्थ्य प्रदायक,आयु वर्धक,इस फल में संचित है सब गुण
एकादशी को ,शालिग्राम और तुलसी का ,ब्याह अनोखा
शालिग्राम,प्रतीक पहाड़ के,तुलसी है प्रतीक वृक्षों का
वनस्पति और वृक्ष अगर जो जाएँ उगाये,हर पर्वत पर
पर्यावरण स्वच्छ होगा और धन की वर्षा ,होगी,सब पर
इन्ही तरीकों को अपनाकर ,स्वास्थ्य ,रूप और धन पायेंगे
शयन कर रहे थे जो अब तक,भाग्य देव भी,जग जायेंगे
देवउठनी एकादशी व्रत कर,पुण्य  बहुत हो जाते संचित
फिर आती बैकुंठ चतुर्दशी,हो जाता बैकुंठ  सुनिश्चित
और फिर कार्तिक की पूनम पर,आप गंगा स्नान कीजिये
कार्तिक पर्व,स्वास्थ्य ,धनदायक,इनकी महिमा जान लीजिये

मदन मोहन बाहेती'घोटू'