Monday, November 2, 2015

वो कौन है

          वो कौन है

जिसकी एक नागा भी नागवार गुजरे ,
 वो जब तक ना आये ,बैचैनी  बढ़ती
जिसके आने से मिलती दिल को राहत ,
जिसका रास्ता ,रोज निगाहें है तकती
मुझसे भी ज्यादा मेरी बीबीजी को ,
इन्तजार होता है जिसके आने का
उसके संग होती मीठी मीठी बातें,
जली कटी सब मुझको सिर्फ सुनाने का
आस पास की सारी खबरें जो देती,
किस का किस के साथ चल रहा है लफड़ा 
जिस दिन उसकी मेहर नहीं होती है तो,
उस दिन सारा घर लगता उजड़ा उजड़ा
जिसके आने से घरबार संवर जाता ,
जिसकी,फुर्ती,तेजी ,हर बात निराली है
मुझसे भी ज्यादा मेरी बीबीजी को,
लगती प्यारी ,वो बाई  कामवाली  है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
          

पिछलग्गू पुरुष

       पिछलग्गू पुरुष

पुरुष की अग्रणीयता ,
शादी के पहले चार फेरों तक ही सीमित रहती है
क्योंकि उसके बाद,बाकी तीन फेरों में,
औरत आगे आ जाती है ,
और उसके बाद,उमर भर,पति से आगे ही रहती है
पति बेचारा,पिछलग्गू बना ,
उसकी हर बात मानता है
उसके इशारों पर नाचता है ,
ये बात सारा जमाना जानता है
अंग्रेजी में भी 'लेडीज फर्स्ट' याने,
महिलाओं को वरीयता दी जाती है
पुरुष मेहनत कर , धनार्जन करता है ,
पर औरतें गृहलक्ष्मी कहलाती है
घर की सुख शांति के लिए ,
इनकी हाँ में हाँ मिलाना आवश्यक होता है
और जो पति ये नहीं करता,रोता है
इसलिए जो भी पुरुष ,
पत्नी का अनुगामी बन ,
उसके पीछे पीछे चलता है
उसे जीवन के सब सुख प्राप्त होते है ,
और वो फूलता,फलता है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'