Monday, September 29, 2014

           तुम्हारे हाथों में
जिन हाथो को हाथों में ले ,होता शादी का संस्कार
जो हाथ पौंछते है आंसू ,और बरसाते है मधुर प्यार
जिन हाथों में रोता बच्चा भी आ किलकारी है भरता 
जिन हाथों में बेलन हो तो,पति बेचारा ,सहमा,डरता
साक्षात रूप अन्नपूर्णा का ,जब घुसे रसोई के अंदर
जिन हाथों में झाड़ू आता ,सारा कचरा होता बाहर
 जो हाथ डांडिया जब लेते , राधा सा रास रचाते है
जब बन जाते है बाहुपाश ,पत्थर को भी पिघलाते है
जिन हाथों में है बागडोर,पूरे घरबार गृहस्थी  की
जो अगर प्यार से सहलाते ,मन में छा जाती मस्ती सी
खा पका हुआ जिनका खाना ,जी करता उन्हें चूम लें  हम
उंगली के एक इशारे पर ,जिसके सब नाच रहे हरदम
जो हमें नचाते ,प्यार जता कर ,अपनी मीठी बातों में
अब सौंप दिया इस जीवन का ,सब भार बस उन्ही हाथों में

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
             घोटू के पद

घोटू ,जब हम प्यार जतावत
आई लव यू ,आई लव यू कह कर ,उनको अपने पास बुलावत
पहले वो ना करत,पास फिर आवत ,  पर   थोड़ी  शरमावत
कोऊ कहीं   देख ना लेहै  ,कह कर फिर  पीछे   हट  जावत
देखत बंद द्वार की कुण्डी ,हमरी  बाहन  में भर  जावत
नव आभूषण और साड़ी का,पिछला वादा ,याद दिलावत
प्यार दिखा उन मधुर क्षणन में ,अपनी सब मांगें मनवावत
पूर्ण रूप तब होइ समर्पित ,एक दूसरे में खो जावत
'घोटू' इन्ही मधुर क्रीड़ाओं को  जगवाले  प्रेम  बतावत

घोटू
     
     हम मेट्रिक  फ़ैल ही अच्छे
न तो है हम पढ़े लिख्खे ,नहीं कुछ पास है डिगरी
मगर हम यार यारों के,दोस्त है दोस्त के जिगरी
हमारे वस्त्र मत देखो , बड़ी है सादगी  हम में
हमारी भावना देखो  ,बड़ी है  ताजगी  हम में
भरे है हम मोहब्बत से ,और दिल के है हम सच्चे
पढ़े लिख्खों से तुम जैसे ,हम मेट्रिक फ़ैल  ही अच्छे
पूजते माँ पिता को है ,देवता मान जीवन में
बुजुर्गों के लिये  श्रद्धा ,आज भी सच्ची  है मन में
दिखावे और आडम्बर से हम दूरस्थ रहते है
दाल और रोटी खाकर भी ,हमेशा मस्त रहते है
वचन के पक्के, देते ना किसी को कोई भी गच्चे
पढ़े लिख्खों से तुम जैसे ,हम मेट्रिक फ़ैल ही अच्छे
पुराने रस्म और रिवाज ,हम पूरे निभाते है
कोई मेहमान आता है  ,उसे पलकों बिठाते है
थामते हाथ है उसका  ,जिसे जरूरत सहारे की
 न जिम्मेदारी कोई भी ,कभी हमने  किनारे  की
आज की दुनियादारी में ,भले ही थोड़े है  कच्चे
पढ़े लिख्खे तुम जैसों से,हम मेट्रिक फ़ैल ही अच्छे

मदन मोहन बाहेती' घोटू'
             घोटू के पद

समय बड़ा बलवान
नहीं समय के आगे कुछ भी,कर सकता इन्सान
कल तक वीसा देने में भी,था  जिसको  इन्कार
अगवानी कर रहा अमरीका उसकी बांह पसार
मोदी मय न्यूयॉर्क होगया इतना बरसा प्यार
अब वाशिंगटन में ओबामा ,करता है इन्तजार
कल तक चाय बेचने वाला ,बना देश की शान
समय बड़ा बलवान
कल तक पूरे तमिलनाडु पर था जिसका राज
चार साल की सजा पा गयी सत्ता को मोहताज
गलत ढंग से बहुत कमाया ,कुछ ना आया काम
उस पर लगा बड़ा जुर्माना और नाम हुआ बदनाम
राजमहल की रानी थी जो,हुई  जेल मेहमान  
समय बड़ा बलवान
'घोटू '