रावण के दस सर
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रावण ,वीर था,और विद्वान था
उसे शास्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान था
और उसके दस सर थे
और ये ही मुसीबत की जड़ थे
एक सर बीच में था,
और एक तरफ चार सर थे ,
और दूसरी तरफ पांच सर थे
इससे उसके दिमाग का बेलेंस बिगड़ गया था,
और वो सीताहरण जैसी हरकत कर गया था
काश उसके नौ या ग्यारह सर होते
और दिमाग का बेलेंस बराबर हो जाता
तो आज उसकी भी तारीफ होती
और वो पूजा जाता
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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रावण ,वीर था,और विद्वान था
उसे शास्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान था
और उसके दस सर थे
और ये ही मुसीबत की जड़ थे
एक सर बीच में था,
और एक तरफ चार सर थे ,
और दूसरी तरफ पांच सर थे
इससे उसके दिमाग का बेलेंस बिगड़ गया था,
और वो सीताहरण जैसी हरकत कर गया था
काश उसके नौ या ग्यारह सर होते
और दिमाग का बेलेंस बराबर हो जाता
तो आज उसकी भी तारीफ होती
और वो पूजा जाता
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'