जय जय आरक्षण
आरक्षण महाराज ,आपकी महिमा न्यारी ,
तुमने मेरी सात सात पुश्तों को तारा
तुम्हारे ही बल पर मैं सत्ता में आया,
आज हो रहा है लाखों का वारा ,न्यारा
तुम ना थे तो कोई नहीं पूछता हमको,
निम्न वर्ग के हम सेवक माने जाते थे
ब्राह्मण,बनिए और क्षत्रिय राज्य करते थे ,
हम पिछड़े थे और क्षुद्र बस कहलाते थे
लेकिन जब से आरक्षण वरदान मिला है,
तब से ही हो रहे हमारे ,वारे न्यारे
भले हमारा शिक्षण और योग्यता कम हो,
सरकारी पद ,आरक्षित है,लिए हमारे
आरक्षण है नहीं सिरफ़ भरती में हमको,
आरक्षण का हक है हमे प्रमोशन में भी
बहुत बड़ी हम वोट बैंक है इसीलिये तो,
कई चुनावी सीटें है ,आरक्षण में भी
आरक्षण के देख इस तरह कई फायदे ,
उच्चवर्ग भी आज चाह रहा आरक्षण है
आज दलित बनने को वो सब भी आतुर है ,
जिनने बरसों तक दलितों का किया दलन है
आरक्षित वर्गों के भी अब कई वर्ग है ,
सबके लिए सुरक्षित ,प्रतिशत भांति भांति
कोई दलित,महादलित,कोई बैकवर्ड है,
कोई अल्पसंख्यक है,तो कोई जनजाति
सबसे ज्यादा मज़ा उठती क्रीमी लेयर ,
लाखों और करोड़ों में जो खेल रही है
लेकिन कितनी दलित अल्पसंख्यक जनता है,
अब भी वो की वो ही मुसीबत झेल रही है
आरक्षण से क्षरण हो रहा प्रतिभाओं का,
आगे बढ़ने से ,अगड़े ना रोके जाएँ
साथ साथ सब दौड़ें ,जो भी अव्वल आये,
उसको ही पारितोषिक से बक्शा जाए
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
आरक्षण महाराज ,आपकी महिमा न्यारी ,
तुमने मेरी सात सात पुश्तों को तारा
तुम्हारे ही बल पर मैं सत्ता में आया,
आज हो रहा है लाखों का वारा ,न्यारा
तुम ना थे तो कोई नहीं पूछता हमको,
निम्न वर्ग के हम सेवक माने जाते थे
ब्राह्मण,बनिए और क्षत्रिय राज्य करते थे ,
हम पिछड़े थे और क्षुद्र बस कहलाते थे
लेकिन जब से आरक्षण वरदान मिला है,
तब से ही हो रहे हमारे ,वारे न्यारे
भले हमारा शिक्षण और योग्यता कम हो,
सरकारी पद ,आरक्षित है,लिए हमारे
आरक्षण है नहीं सिरफ़ भरती में हमको,
आरक्षण का हक है हमे प्रमोशन में भी
बहुत बड़ी हम वोट बैंक है इसीलिये तो,
कई चुनावी सीटें है ,आरक्षण में भी
आरक्षण के देख इस तरह कई फायदे ,
उच्चवर्ग भी आज चाह रहा आरक्षण है
आज दलित बनने को वो सब भी आतुर है ,
जिनने बरसों तक दलितों का किया दलन है
आरक्षित वर्गों के भी अब कई वर्ग है ,
सबके लिए सुरक्षित ,प्रतिशत भांति भांति
कोई दलित,महादलित,कोई बैकवर्ड है,
कोई अल्पसंख्यक है,तो कोई जनजाति
सबसे ज्यादा मज़ा उठती क्रीमी लेयर ,
लाखों और करोड़ों में जो खेल रही है
लेकिन कितनी दलित अल्पसंख्यक जनता है,
अब भी वो की वो ही मुसीबत झेल रही है
आरक्षण से क्षरण हो रहा प्रतिभाओं का,
आगे बढ़ने से ,अगड़े ना रोके जाएँ
साथ साथ सब दौड़ें ,जो भी अव्वल आये,
उसको ही पारितोषिक से बक्शा जाए
मदन मोहन बाहेती'घोटू'