तुझको नींद नहीं आये
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
तुम खर्राटे भरो और मैं जागूँ ,यह ना हो पाय
रोज लिपट कर सोते थे हम ,रात बिताते मतवाली
तुमने तकिये रखे बीच में ,और दीवार बना डाली
बिन तेरे तन की खुशबू के मुझको नींद नहीं आती
तुम बिन मैं तड़फा करता हूँ ,रात नहीं काटी जाती
पास प्रिया पर छू ना पायें ,कैसे दिल को समझायें
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
राम करे कि भूत चुड़ैलों के सपने तुमको आये
घबराहट से सो न सके तू ,डरे ,पसीने आ जाये
या जंगल में गुम होवे तू ,शेर बबर तुझ पर झपटे
इतनी ज्यादा तू डर जाये ,झट से मुझसे आ लिपटे
मैं तुझको बाहों में बाँधूँ ,ढाढ़स दूँ ,हम सो जाये
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
तुम खर्राटे भरो और मैं जागूँ ,यह ना हो पाय
रोज लिपट कर सोते थे हम ,रात बिताते मतवाली
तुमने तकिये रखे बीच में ,और दीवार बना डाली
बिन तेरे तन की खुशबू के मुझको नींद नहीं आती
तुम बिन मैं तड़फा करता हूँ ,रात नहीं काटी जाती
पास प्रिया पर छू ना पायें ,कैसे दिल को समझायें
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
राम करे कि भूत चुड़ैलों के सपने तुमको आये
घबराहट से सो न सके तू ,डरे ,पसीने आ जाये
या जंगल में गुम होवे तू ,शेर बबर तुझ पर झपटे
इतनी ज्यादा तू डर जाये ,झट से मुझसे आ लिपटे
मैं तुझको बाहों में बाँधूँ ,ढाढ़स दूँ ,हम सो जाये
मेरी नींद चुराने वाले ,तुझको नींद नहीं आये
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '