खराब मौसम
जब कभी भी ये मौसम खराब होता है
अपने हाथों में तो जाम ए शराब होता है
क्योंकि कहते है उसे काटता नहीं जूता ,
जो कि पैरों में ,पहने जुराब होता है
ठिठुरती सर्दियों में नींद आती मुश्किल से ,
चैन से सोता ,जो ओढ़े लिहाफ होता है
चांदनी रोज कहाँ,एक दिन अमावस को,
न जाने गुम कहाँ ,वो आफताब होता है
हजारों हसरतें होती सभी की दुनिया में,
नहीं पूरा किसी का ,हरेक ख्वाब होता है
एक दो चार ही अम्बानी ,बिरला बनते है,
मेहरबां अल्ला न ,सब पर जनाब होता है
कभी इठलाता जो जुल्फों में हुस्न की सजकर ,
कभी मैयत में वो बिखरा गुलाब होता है
आज तो जी लें,मरेंगे तो देखा जाएगा ,
कयामत को तो सभी का हिसाब होता है
मदनमोहन बाहेती'घोटू'
जब कभी भी ये मौसम खराब होता है
अपने हाथों में तो जाम ए शराब होता है
क्योंकि कहते है उसे काटता नहीं जूता ,
जो कि पैरों में ,पहने जुराब होता है
ठिठुरती सर्दियों में नींद आती मुश्किल से ,
चैन से सोता ,जो ओढ़े लिहाफ होता है
चांदनी रोज कहाँ,एक दिन अमावस को,
न जाने गुम कहाँ ,वो आफताब होता है
हजारों हसरतें होती सभी की दुनिया में,
नहीं पूरा किसी का ,हरेक ख्वाब होता है
एक दो चार ही अम्बानी ,बिरला बनते है,
मेहरबां अल्ला न ,सब पर जनाब होता है
कभी इठलाता जो जुल्फों में हुस्न की सजकर ,
कभी मैयत में वो बिखरा गुलाब होता है
आज तो जी लें,मरेंगे तो देखा जाएगा ,
कयामत को तो सभी का हिसाब होता है
मदनमोहन बाहेती'घोटू'