क्या सोचेंगे लोग
सोच कभी मत मन में लाना,क्या सोचेंगे लोग
नहीं सोच कर ,ये घबराना ,क्या सोचेंगे लोग
लोगों की तो आदत ही है, टोका करते है,
अच्छा बुरा करो कुछ भी ,तुमको टोचेंगे लोग
खाना अपने ढंग से खाओ ,जैसे भाता हो,
वर्ना भूखे रह जाओगे ,क्या सोचेंगे लोग
नहीं भरोसा ,कभी किसी का,मतलब के सब यार,
जब भी मौका ,जिसे मिलेगा ,आ नोचेंगे लोग
जनमदिवस की खुशियां हो या मरने का गम हो,
अगर मुफ्त की दावत है तो ,आ पहुंचेंगे लोग
अपनी ऊँगली ,उसे थमाना ,जो इस काबिल हो,
वर्ना ऊँगली से पोंची तक ,जा पहुंचेंगे लोग
भला बुरा सब किस्मत के ही बस में होता है,
हरेक बात में तुम्हारी ,गलती खोजेंगे लोग
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
सोच कभी मत मन में लाना,क्या सोचेंगे लोग
नहीं सोच कर ,ये घबराना ,क्या सोचेंगे लोग
लोगों की तो आदत ही है, टोका करते है,
अच्छा बुरा करो कुछ भी ,तुमको टोचेंगे लोग
खाना अपने ढंग से खाओ ,जैसे भाता हो,
वर्ना भूखे रह जाओगे ,क्या सोचेंगे लोग
नहीं भरोसा ,कभी किसी का,मतलब के सब यार,
जब भी मौका ,जिसे मिलेगा ,आ नोचेंगे लोग
जनमदिवस की खुशियां हो या मरने का गम हो,
अगर मुफ्त की दावत है तो ,आ पहुंचेंगे लोग
अपनी ऊँगली ,उसे थमाना ,जो इस काबिल हो,
वर्ना ऊँगली से पोंची तक ,जा पहुंचेंगे लोग
भला बुरा सब किस्मत के ही बस में होता है,
हरेक बात में तुम्हारी ,गलती खोजेंगे लोग
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'