Monday, June 22, 2015

थोड़ा सा खुदगर्ज होना चाहिए

     थोड़ा सा खुदगर्ज होना चाहिए

ख्याल रखना ,अपना और परिवार का,
                     आदमी का फ़र्ज़  होना  चाहिए
किन्तु अपनों के भले के वास्ते ,
                         औरों का ना हर्ज़ होना  चाहिए
तरक्की हर एक जो अपनी करे,
                        तभी तो होगी तरक्की कौम की,
अपना अपना ख्याल जो रख्खें सभी,       
                            दूर सारे मर्ज़ होना चाहिए
 है हसीना ,खूबसूरत,नाज़नी ,
                              अगर अपनी जो बनाना है उसे
मिलेगी ,पर पटाने के वास्ते ,
                              कुछ तरीके,तर्ज  होना चाहिए
आप अपना फायदा जो सोचते ,
                                तो  बुराई इसमें है  कुछ भी नहीं,
तरक्की के वास्ते इंसान को ,
                               थोड़ा सा खुदगर्ज  होना चाहिए

मदन मोहन बाहेती  'घोटू'

संगीत

          संगीत

संगीत ,स्वरों की साधना है
संगीत ,ईश्वर की आराधना है
संगीत की सरगम ,सारे गम भुला देती है
संगीत भरी लोरी,रोते बच्चे को सुला देती है
संगीत के सुरों का जादू जब चलता है
तो दीपक राग से ,बुझा दीपक भी जलता है
संगीत  का साज जब सजता है 
तो मेघ मल्हार से जल भी बरस सकता है
पवन की सन सन में ,बादल की गर्जन में
पंछी के कलरव में ,भंवरों की गुंजन में
वर्षा की रिमझिम में ,नदिया के कलकल में
साँसों की सरगम में,जीवन के पलपल में
अगर आप गौर से देंगे ध्यान
पाएंगे ,संगीत है विद्यमान
संगीत में सुर होता है,
 और सुर का मतलब देवता होता है
सुरों का माधुर्य हम में देवत्व संजोता है
संगीत से ओतप्रोत ,प्रकृति का कण कण है
आओ हम संगीत सुने,संगीत ही जीवन है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

योगदिवस और पप्पू जी

        योगदिवस और पप्पू जी
                        १
योगदिवस का देख कर ,जनता में उन्माद
 पप्पू जी झट उड़  लिए ,मम्मीजी के  साथ
मम्मी जी के साथ ,हुई तक़दीर निकम्मी
याद आएगी ,पांच बरस,मम्मी की मम्मी
 पदयात्राएं कर कर ,तन में थकन छा गयी
या इटली की छोरी ,मन को कोई भा गयी
                          २
पप्पू से कहने लगी, मम्मी जी समझाय
पेंतालिस का हो गया ,अब तू कर ले ब्याह
अब तू कर ले ब्याह,बढे  बूढ़े   बतलाते
पड़े बहू के पाँव, बुरे दिन भी फिर जाते
शादी कर तेरा भी भाग्य  बदल सकता है
घोड़ी चढ़,तू कुर्सी पर भी   चढ़  सकता है

घोटू