अनोखा प्यार
प्यार लैला ने मजनू से किया
शीरी ने फरहाद से किया
सोहनी ने महिवाल से किया
इन सबका प्यार था लाजबाब
फिर भी ये मिलने में रहे नाकामयाब
एक दुसरे से सदा के लिए दूर हो गए
पर उनके प्यार के किस्से मशहूर हो गए
प्यार राधा ने कृष्ण से किया ,
पर पूरी नहीं हो पायी उसकी चाह
कृष्णजी ने उसे छोड़ ,
आठ आठ पटरानियों से किया विवाह
और सभी के साथ ,
कुशलता से किया था निर्वाह
एक पति द्वारा कई पत्नियों को रख पाना
राजा रजवाड़ों का प्रचलन है पुराना
मुस्लिम धर्म में भी वाजिब है तीन निकाह
पर हिन्दू कानूनन कर सकते है एक ही विवाह
क्योंकि हमने जन्म से पाए है ऐसे संस्कार
चाहते न चाहते हुए भी ,
एक पत्नी के साथ जिंदगी देते है गुजार
पर एक पत्नी के कई पति होना ,
ऐसा किंचित ही होता पाया था
वो तो महाभारत काल में ,
एक मात्र द्रौपदी थी ,
जिसने पांच पांच पतियों का साथ ,
बखूबी निभाया था
पर हमारे जीवन में आज भी एक अद्भुत मिसाल है
एक नाजुक सी मुलायम पत्नी ,
जिसे अपने बत्तीस पतियों से प्यार है
सभी पति सख्त है ,बाँध कर रखते है ,
उसे अपने घेरे में
बेचारी मुश्किल से ही निकल पाती है ,
कभी नहीं रह पाती अकेले में
पर फिर भी उनका प्यार है बेमिसाल
ये सब रखते है एक दुसरे का कितना ख्याल
आप यकीन कीजिये मेरी बातों का
ये किस्सा है आपकी जिव्हा और बत्तीस दाँतों का
ये बत्तीस पति बेचारे ,
मेहनत कर ,खाना चबाने के बाद
अपनी नाजुक पत्नी जिव्हा को ,
देते है खाने का पूरा स्वाद
अपनी प्यारी पत्नी को खिलाते है ,
खुद नहीं चखते है
देखो अपनी पत्नी का कितना ख्याल रखते है
नाजुक से प्यारी पत्नी के प्रति
बहुत प्रीत है उनके मन में
पत्नी चंचल और बातूनी है ,
रखते है उसे अपने नियंत्रण में
ख्याल रखते है उसका पल पल
सख्त है ,औरों को चुभते भी है ,
पर बीच में रहती हुई पत्नी को ,
कभी भी नहीं करते घायल
पत्नी भी अपने पतियों पर ,
लुटाती है ढेर सारा प्यार
सभी का रखती है पूरा पूरा ख्याल
कहीं से भी कोई कतरा दाँतों में यदि फंसता है
तो वह जिव्हा के मन को बहुत खटकता है
बार बार जा जा कर ,धकेलती है उसे बाहर
कैसे भी निकल जाय ,करती है कोशिश जी भर
ये उसका ,अपने पतियों के प्रति ,
सच्चे प्रेम का परिचायक है
पति और पत्नी ,दोनों ही कितने लायक है
हम पति पत्नियों को भी ,
इनसे कुछ सबक लेना चाहिए
एक दुसरे की तरफ पूरा ध्यान देना चाहिए
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
प्यार लैला ने मजनू से किया
शीरी ने फरहाद से किया
सोहनी ने महिवाल से किया
इन सबका प्यार था लाजबाब
फिर भी ये मिलने में रहे नाकामयाब
एक दुसरे से सदा के लिए दूर हो गए
पर उनके प्यार के किस्से मशहूर हो गए
प्यार राधा ने कृष्ण से किया ,
पर पूरी नहीं हो पायी उसकी चाह
कृष्णजी ने उसे छोड़ ,
आठ आठ पटरानियों से किया विवाह
और सभी के साथ ,
कुशलता से किया था निर्वाह
एक पति द्वारा कई पत्नियों को रख पाना
राजा रजवाड़ों का प्रचलन है पुराना
मुस्लिम धर्म में भी वाजिब है तीन निकाह
पर हिन्दू कानूनन कर सकते है एक ही विवाह
क्योंकि हमने जन्म से पाए है ऐसे संस्कार
चाहते न चाहते हुए भी ,
एक पत्नी के साथ जिंदगी देते है गुजार
पर एक पत्नी के कई पति होना ,
ऐसा किंचित ही होता पाया था
वो तो महाभारत काल में ,
एक मात्र द्रौपदी थी ,
जिसने पांच पांच पतियों का साथ ,
बखूबी निभाया था
पर हमारे जीवन में आज भी एक अद्भुत मिसाल है
एक नाजुक सी मुलायम पत्नी ,
जिसे अपने बत्तीस पतियों से प्यार है
सभी पति सख्त है ,बाँध कर रखते है ,
उसे अपने घेरे में
बेचारी मुश्किल से ही निकल पाती है ,
कभी नहीं रह पाती अकेले में
पर फिर भी उनका प्यार है बेमिसाल
ये सब रखते है एक दुसरे का कितना ख्याल
आप यकीन कीजिये मेरी बातों का
ये किस्सा है आपकी जिव्हा और बत्तीस दाँतों का
ये बत्तीस पति बेचारे ,
मेहनत कर ,खाना चबाने के बाद
अपनी नाजुक पत्नी जिव्हा को ,
देते है खाने का पूरा स्वाद
अपनी प्यारी पत्नी को खिलाते है ,
खुद नहीं चखते है
देखो अपनी पत्नी का कितना ख्याल रखते है
नाजुक से प्यारी पत्नी के प्रति
बहुत प्रीत है उनके मन में
पत्नी चंचल और बातूनी है ,
रखते है उसे अपने नियंत्रण में
ख्याल रखते है उसका पल पल
सख्त है ,औरों को चुभते भी है ,
पर बीच में रहती हुई पत्नी को ,
कभी भी नहीं करते घायल
पत्नी भी अपने पतियों पर ,
लुटाती है ढेर सारा प्यार
सभी का रखती है पूरा पूरा ख्याल
कहीं से भी कोई कतरा दाँतों में यदि फंसता है
तो वह जिव्हा के मन को बहुत खटकता है
बार बार जा जा कर ,धकेलती है उसे बाहर
कैसे भी निकल जाय ,करती है कोशिश जी भर
ये उसका ,अपने पतियों के प्रति ,
सच्चे प्रेम का परिचायक है
पति और पत्नी ,दोनों ही कितने लायक है
हम पति पत्नियों को भी ,
इनसे कुछ सबक लेना चाहिए
एक दुसरे की तरफ पूरा ध्यान देना चाहिए
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '