Wednesday, May 17, 2023

सुनिए सबकी ,करिए मन की

कुंजी यही सफल जीवन की 
सुनिए सबकी, करिए मन की 

परेशानियां हो या सुख दुख 
रायचंद आ जाते सन्मुख 
दे सलाह तुमको समझाते
जितने मुंह हैं,उतनी बातें 
सबके अपने अपने अनुभव 
पर लेना है तुमको निर्णय 
आगा पीछा सभी देख के
अपनी बुद्धि और विवेक से 
भला बुरा परिणाम सोच कर
 निर्णय लेना होगा श्रेयकर
 मन मस्तक में बना संतुलन 
 वही करो जो कहता है मन 
 सीमा में अपने साधन की 
 सुनिए सबकी ,करिए मन की 
 
हमने यह देखा है अक्सर 
असफल जो होते जीवन भर 
वह बन जाते सलाहकार हैं 
और उनमें हिम्मत अपार है 
मुफ्त सलाह बांटते रहते 
अपना समय काटते रहते 
उनके चक्कर में मत पड़ना
 ऐसे सलाहकार से बचना 
 वह जो कहते उनकी सुनिए 
 लेकिन सही रास्ता चुनिए 
 जो मन बोले ,माने मस्तक 
 निर्णय होगा वही सार्थक 
 कृपा दृष्टि होगी भगवन की 
 सुनिए सबकी ,करिए मन की

मदन मोहन बाहेती घोटू 
मां की ममता 

प्यार उमड़ता है आंखों से,वात्सल्य है ,अपनापन है 
मां, तू ममता की देवी है ,तुझ को सौ सौ बार नमन है 

तूने मुझे कोख में पाला, नौ महीने तक बोझ उठाया 
मैं जन्मा ,सीने से लिपटा, तूने अपना दूध पिलाया 
मेरे गालों की पुच्ची ली ,मेरे माथे को सहलाया 
तिल तिल मुझको बड़ा किया है ,पल पल अपना प्यार लुटाया
मैं यदि करता, गीला बिस्तर ,तू सूखे में मुझे सुलाती 
मुझे प्यार से चादर ओढ़ा, गीले में थी खुद सो जाती 
मीठे बोल सदा बोलूं मैं ,यही कामना लेकर मन में 
चांदी के सिक्के से लेकर ,माता शहद चटाई तूने 
जब मैं बोला ,सबसे पहले ,नाम लिया तेरा मां कह कर
मैंने आगे बढ़ना सीखा ,घुटने घुटने ,खिसक खिसक कर 
और फिर तूने उंगली थामी,मुझे सिखाया पग पग चलना 
तेरी गोदी का सुख देता, मेरा रोना और मचलना 
तूने अक्षर ज्ञान कराया ,मेरी उंगली पकड़ पकड़ कर 
इस दुनिया में कौन गुरु मां, हो सकता है तुझसे बढ़कर 
अपने हाथ ,दूध में रोटी चूर, निवाला देती थी तू 
मेरा रोना थम जाता था ,जब बाहों में लेती थी तू 
बुरी नजर से मुझे बचाती , माथ लगा काजल का टीका 
अच्छा क्या है और बुरा क्या, मां मैंने तुझसे ही सीखा 
मां ,तूने मुझ पर जीवन भर कितने ही एहसान किए हैं 
तूने अपनी आशिषों से ,मुझे सदा वरदान दिए हैं 
मैं जो कुछ भी आज बना हूं,वह तेरा लालन-पालन है 
मां ,तू ममता की देवी है ,तुझ को सौ सौ बार नमन है 

मदन मोहन बाहेती घोटू 
चिल बेबी चिल 

चिल होने से,टल जाती है,कितनी ही मुश्किल चिल बेबी चिल 
बात बात पर ,गर्मी खाना ,अच्छी बात नहीं है झगड़ा कर लेने का मतलब घूसे लात नहीं है 
अगर क्रोध थोड़ा सा पी लो, होती नहीं लड़ाई फिर से हाथ मिला लेने में, रहती सदा भलाई खटपट सारी हट जाती है ,मिल जाते हैं दिल 
चिल बेबी चिल 
चिल्डबियर या कोल्डड्रिंक की लज्जत होती प्यारी 
नहीं गरम पानी पीने से, मिटती प्यास हमारी
गुस्सा कर लेने से अक्सर ,बढ़ जाता ब्लड प्रेशर 
इसीलिए हर सिचुएशन में ,चिल रहना ही बेहतर 
दूर टेंशन ,मन में शांति, सबको जाती मिल 
 चिल बेबी चिल
 लड़ने पर आमादा कोई हो ,मत बात बढ़ाओ 
शांत रहो चुपचाप रहो तुम बस थोड़ा मुस्काओ  
तुम्हारी मुस्कान करेगी ऐसा असर निराला 
देखोगे कुछ पल में होगा, शांत सामने वाला शिकवे गिले दूर हो जाएंगे आपस में मिल 
 चिल बेबी चिल

मदन मोहन बाहेती घोटू