Monday, December 18, 2023

बुढ़ापा घेर रहा है


धीरे-धीरे अब यौवन मुंह फेर रहा है

बुढ़ापा घेर रहा है 


थका थका सा तन लगता है सांझ सवेरे

आसपास आंखों के छाए काले घेरे 

अब थोड़ा ऊंचा भी सुनने लगे कान है

थोड़ी सी मेहनत कर लो ,आती थकान है

नहीं पुराने जैसी अब यह कंचन काया

मांसपेशियां ढीली है, तन है झुर्राया

 तरह-तरह की बीमारी ने घेर रखा है 

जो भी खाते, उसको पाते नहीं पचा है

बड़ा-बड़ा सा रहता है तन में ब्लड प्रेशर

डायबिटीज है, बढ़ी हुई है खूं में शक्कर

सर सफेद है और हुई कमजोर नजर है

घुटने करते दर्द ,हड्डियां भी जर्जर है 

बदले हैं हालात कोई भी ध्यान न देता 

करें न ढंग से बात, कोई सम्मान न देता

जिस पर प्यार लुटाया वह मुंह फेर रहा है 

बुढ़ापा घेर रहा है


मदन मोहन बाहेती घोटू

नजरिया बदलो


यह बुढ़ापा उम्र का वह दौर है

होती नजरे आपकी कमजोर है 

मगर चढ़ता चश्मा है जब आंख का 

बदल जाता नजरिया है आपका 

इस तरह संकेत ईश्वर दे रहा 

बदल दो तुम सोचने का नजरिया 

भूल जाओ मानसिकता रौब की 

लोग घर के तुमसे डरते थे कभी 

तुम रिटायर हुए, बूढ़े हो रहे 

पहले जैसे काम के अब ना रहे 

लाओ अपनी सोच में बदलाव तुम 

नम्रता की भावना अपनाओ तुम 

इसके पहले की अपेक्षा वह करें 

प्यार बरसा, आप सब का मन हरे 

साफ जैसे पहन चश्मा दिखेगा 

सोच बदलो तो करिश्मा दिखेगा 

बड़प्पन जो थोड़ा सा दिखलाओगे 

प्यार और सम्मान सबका पाओगे 

आपकी कोशिश यह रंग लाएगी 

हंसते-हंसते जिंदगी कट जाएगी


मदन मोहन बाहेती घोटू

बहुत नींद आती सवेरे सवेरे


छंटते हैं जब रात के सब अंधेरे

बहुत नींद आती, सवेरे सवेरे 


कई बीती बातें मानस पटल पर 

आ तेरती है ,कई स्वप्न बनकर 

किस्से पुराने बहुत याद आते 

हंसाते कभी तो कभी है रुलाते 

मगर आंख खुलती तो सब भूल जाते

छट जाते यादों के बादल घनेरे 

बहुत नींद आती, सवेरे सवेरे 


तन से लिपट करके रहती रजाई 

नहीं आंख खुलती है,आती जम्हाई

उठो जो अगर तो बदन टूटता है 

मुश्किल से बिस्तर मगर छूटता है 

बड़ा दिल कड़ा कर,अगर उठ भी जाते

आलस के बादल हमें रहते घेरे 

बहुत नींद आती, सवेरे सवेरे 


अगर हो जो छुट्टी या संडे का दिन है उठना सवेरे , बड़ा ही कठिन है 

बीबी जगाती, बना चाय प्याला 

होता सुबह का मजा ही निराला 

बिस्तर में लेकर के चाय की चुस्की,

शुरुआत होती है दिन की सुनहरे 

बहुत नींद आती, सवेरे सवेरे


मदन मोहन बाहेती घोटू