On Friday, June 27, 2014, madan mohan Baheti <baheti.mm@gmail.com> wrote:
क्या हाल है?
दांत, डेंटिस्ट के भरोसे
सांस,दवाइयों के भरोसे
नज़र,चश्मे के भरोसे
वक़्त,टी. वी. के भरोसे
किससे क्या करें आस,
किसी को क्यों कोसे?
अब तो हम दोनों है,
एक दूसरे के भरोसे
बाकी ये जीवन है ,
सिर्फ भगवान के भरोसे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'