लेटना
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लेटना,एक शारीरिक प्रक्रिया है,
जिसमे आदमी,
अकेला या किसी के साथ,
पैर फैला कर या सिकोड़ कर,
थका हुआ,या अनथका ,
आराम करने के लिए या थकने को,
सीधा,उल्टा या करवट लेकर,
पसर जाता है,
उसे लेटना कहते है
आदमी जब दुनिया में आता है,
तो आते ही लेटता है,
और जब दुनिया से जाता है ,
तो लेट कर ही जाता है
और अपना एक तिहाई से भी ज्यादा जीवन,
लेट कर ही बिताता है
नींद,लेटने की परम मित्र है,
और वो कई बार लेटने के साथ ही आ जाती है,
सुलाती है और सपने दिखाती है
और सोना इंसान को बहुत प्रिय है,
और किसी के साथ सोने में उसे आनंद मिलता है,
पर असल में उस समय ,
वो सोता नहीं,लेटता है
और इस तरह जागते हुए सोने की प्रक्रिया,
आनंद दायिनी होती है,
धन प्रदायिनी होती है,
करियर बढ़ावनी होती है
धन लुटावनी होती है
पर सुहावनी होती है
अक्सर ,इस तरह लेटने से,
शरीर की मांसपेशियों का तनाव दूर हो जाता है
इसलिए लेटना आदमी के लिए जरूरी है
क्योंकि बिना लेटे जिंदगी अधूरी है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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लेटना,एक शारीरिक प्रक्रिया है,
जिसमे आदमी,
अकेला या किसी के साथ,
पैर फैला कर या सिकोड़ कर,
थका हुआ,या अनथका ,
आराम करने के लिए या थकने को,
सीधा,उल्टा या करवट लेकर,
पसर जाता है,
उसे लेटना कहते है
आदमी जब दुनिया में आता है,
तो आते ही लेटता है,
और जब दुनिया से जाता है ,
तो लेट कर ही जाता है
और अपना एक तिहाई से भी ज्यादा जीवन,
लेट कर ही बिताता है
नींद,लेटने की परम मित्र है,
और वो कई बार लेटने के साथ ही आ जाती है,
सुलाती है और सपने दिखाती है
और सोना इंसान को बहुत प्रिय है,
और किसी के साथ सोने में उसे आनंद मिलता है,
पर असल में उस समय ,
वो सोता नहीं,लेटता है
और इस तरह जागते हुए सोने की प्रक्रिया,
आनंद दायिनी होती है,
धन प्रदायिनी होती है,
करियर बढ़ावनी होती है
धन लुटावनी होती है
पर सुहावनी होती है
अक्सर ,इस तरह लेटने से,
शरीर की मांसपेशियों का तनाव दूर हो जाता है
इसलिए लेटना आदमी के लिए जरूरी है
क्योंकि बिना लेटे जिंदगी अधूरी है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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