Wednesday, March 26, 2025

गुलाब की पंखुड़ी 

सुंदर गुलाब की तू पंखुड़ी 

तेरा स्पर्श मुलायम है तुझसे खुशबू उमड़ी उमड़ी 

मखमली गुलाबी रंगत है,तू है गोरी के अधर चढ़ी 
तू ताजी ताजी नरम नरम चिकनी चिकनी निखरी निखरी 
वरमाला सी तू गले लगी और मिलन सेज पर तू बिखरी 
काम आई ईश वंदना में ,तू भाग्यवान प्रभु चरण चढ़ी 
तू मुझे देखकर मुस्कुराई ,अपनी तो किस्मत निकल पड़ी 
सुंदर गुलाब की तू पंखुड़ी 

मदन मोहन बाहेती घोटू 
चाहत 

तुम्हें लौकी पसंद है तो पकाओ और खाओ तुम

मैं हूं पकवान का प्रेमी, मुझे हलवा खिलाओ तुम

पसंद हर एक इंसान की, होती अपनी-अपनी है,

पसंद तुम मेरे दिल की हो बस इतना जान जाओ तुम 
2
तुम्हारी आंख में बसता,भले ही काला काजल मै

 भरा हूं भावनाओं से,बड़ा गहरा हूं बादल मैं 

ये चाहत है मैं जब बरसूं,तेरा अंगना हो तू भीजे

रहे तू सामने हरदम , निहारूं तुझको पल-पल मै 
3
कसम तुमको मेरे दिल की ,कभी भी दूर मत होना 
जमाना लाख रोके पर ,कभी मजबूर मत होना

भले ही हुस्न बरपा है, खुदा ने अपने हाथों में,
चांदनी चार दिन की है ,कभी मगरूर मत होना
4
तुम्हारा चांद सा चेहरा ,वो जब मेरे करीबआया

उठी लहरें समंदर में,जलजला एक अजीब आया

 हमारा मिलना आपस में,खुदा ने ही लिखा होगा,
जो इतनी पास दोनों को हमारा यह नसीब लाया
 
मदन मोहन बाहेती घोटू 
किस्मत 

नहीं कुछ हाथ लगना है तो गम खाने से क्या होगा 
जहां ना दाल गलनी है, वहां जाने से क्या होगा

यही वह सोच है जो रोकती है हमको पाने से,

चुग गई खेत जब चिड़िया,तो पछताने से क्या होगा 
2
सकेगा रोक ना कोई, लिखा होगा जो किस्मत में

 परेशान व्यर्थ होते हो, यूं ही कोई की चाहत में

अगर जो ना मिला कोई, तुम्हें जीते जी दुनिया में,

यकीन मानो हजारों हूरें, मिल जाएगी जन्नत में

मदन मोहन बाहेती घोटू 

असर


जीतता ट्रंफ यू एस ए,मेरे शेयर लुढ़क जाते 


रूस यूक्रेन लड़ते तो भाव सोने की बढ़ जाते 


मेरे खाने में मिर्ची और नमक अनुपात बढ़ जाता,

 हमारा झगड़ा होता जब, तेरे तेवर में चढ़ जाते 


मदन मोहन बाहेती घोटू

Sunday, March 23, 2025

हमेशा मुस्कराएं हम 
1
न कोई मेरा दुश्मन है, नहीं कोई विरोधी है

फसल ऐसी मोहब्बत की,सभी के दिल में बो दी है 
कोई ने फेंका पत्थर तो, मैंने उत्तर में फल बांटे,

भलाई करने वालों की, हमेशा जीत होती है 
2
कभी हम तुममें झगड़ा था चलो अब भूल जाएं हम 
मिलाएं हाथ हाथों से और दिल से दिल मिलाएं हम 
बड़ी रंगीन और सुंदर लगेगी तुमको यह दुनिया,
जहां बस प्यार ही हो प्यार ,हरदम मुस्कुराए हम

मदन मोहन बाहेती घोटू 
मेरी फितरत 
1
मैं सबसे प्यार करता हूं ,मेरी फितरत बड़ी सादी 
मैं दादा हूं मगर दादा गिरी मुझको नहीं आती 
मैं देता सबको इज्जत हूं, मुझे भी मिलती है इज्ज़त, 
रहे यह जिंदगी हरदम, खुशी से यूं ही मुस्काती
2
मुझे कोई से कुछ शिकवा नहीं है ना शिकायत है 
जो होता है, वह होना था, समझना मेरी आदत है 
किसी से भी ,कभी कोई, अपेक्षा ना मेरे मन में, 
मोहब्बत मैं लुटाता हूं ,मुझे मिलती मोहब्बत है 
3
बची है जिंदगी कुछ दिन, बुढ़ापे की हकीकत है 
ना देती साथ काया है, मुसीबत ही मुसीबत है 
मेरा परिवार ,दोस्त और यार , लुटाते प्यार है मुझ पर ,
कमाई मैंने जीवन में ,अभी तक यह ही दौलत है 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

Friday, March 21, 2025

जिंदगी का सफर 


1

हमारी जिंदगानी में मुसीबत आनी जितनी है 

न तेरी है ना मेरी है, हमारी है वो अपनी है 

हमें मिलजुल के करना सामना है उनसे लड़ना है,

तभी यह जिंदगानी शान से अपनी गुजरनी है

2

 कठिन पथ जिंदगी का है हमें जिससे गुजरना है

 मिला कर कंधे से कंधा ,हमेशा साथ चलना है

ना तो मतभेद हो कोई,नहीं मनभेद हो कोई,

बदल कर एक दूजे को, एक सांचे में ढलना है

3

तभी हम काट पाएंगे,विकट जीवन, कठिन पथ को 

रहेंगे जो सभी से मिल, बना रखेंगे इज्जत को

किसी की भावना को,ठेस ना पहुंचाएंगे हम , 

लगेगी ना नजर कोई की अपनी इस मोहब्बत को


मदन मोहन बाहेती घोटू