स्केम
राजा जब स्केम करेगा
भला प्रजा का फिर क्या होगा
हे करूणानिधि! साथ न छोडो
इन्द्रप्रस्थ का फिर क्या होगा
जी जी या टू जी का चक्कर
अपनी रहे तिजोरी सब भर
कोटि कोटि जनता की कोटिश
धन राशी का फिर क्या होगा
सोसायटी आदर्श बन गयी
आदर्शो की बाट लग गयी
अंधे बाँट रेवड़ी खाए
आदर्शो का फिर क्या होगा
kis par koi kare bharosa
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