Saturday, December 18, 2010

बुढ़ापा

बुढ़ापा
बिना बुलाये ही आ जाता ,दबे पाँव चुपचाप बुढ़ापा
कभी ख़ुशी से झोली भरता ,या देता संताप बुढ़ापा
संचित पुण्यो का प्रतिफल या पूर्व जन्म का पाप बुढ़ापा
व्यथित ह्रदय और थका हुआ तन ,जीवन का अभिशाप बुढ़ापा
जीवन की मधुरिम संध्या या ढलने का आभास बुढ़ापा
टिम टिम करती जीवन लो का बुझता हुआ उजास बुढ़ापा
मृत्यु द्वार नजदीक आ गया ,आकर देता थाप बुढ़ापा
यादों के सागर में तैरो,हंस कर काटो आप बुढ़ापा
 

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