Wednesday, December 29, 2010

स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा

स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
चीनी तेल सब्जिया दाले
लेते सबके भाव उछाले
क्या क्या छोड़े,क्या क्या खा ले
कैसे अपना बजट संभाले
महगाई बढती जाती है,
हल्का होता पर्स हमारा
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
घोटालो में उलझे नेता
कोई किसी पर ध्यान न देता
पनप रहे है भ्रष्टाचारी,
वो ही पाता जो कुछ देता
ये सब काबू में आ जाये
एसा हो स्पर्श तुम्हारा
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
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