Wednesday, June 8, 2011

बदलाव की हवा

बदलाव की हवा
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आएगा बदलाव मौसम में सुनिश्चित,
      है सुनामी की प्रबल सम्भावनाये
किस तरह भूचाल आया रात में था ,
     हुई मानवता कलुषित ,क्या बताये
था बड़ा वीभत्स शक्ति का प्रदर्शन,
     मचाया कोहराम सत्ताधारियो ने
बाल बच्चे,औरतें,बूढ़े ,सभी थे,
     जब खदेड़ा था पोलिस की लाठियों ने
बड़ी ही वीभत्स थी यह राजनीती,
      छोड़ अश्रु गेस था सबको रुलाया
आँख में इंसानियत के अश्रु आये,
     भगाया,घायल किया ,मारा,सताया
विदेशों में छुपा धन काला पड़ा है
      मांग थी,जाए उसे वापस बुलाया
मगर काली निधि के संरक्षकों ने,
       काल रात्रि में महा तांडव मचाया
दमन का ये खेल है खुल कर बताता,
        नहीं ,शायद साफ है दामन तुम्हारा
इस तरह जन भावनाओं को दबा कर,
       अंत निश्चित ,नज़र आता है तुम्हारा
फट रहा आक्रोश का ज्वालामुखी है,
       अब नहीं दब पायेगा,तुमसे दबाये
आएगा बदलाव मौसम में सुनिश्चित,
       है सुनामी की प्रबल सम्भावनाये

मदन मोहन बहेती 'घोटू'

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