Thursday, July 7, 2011

बच्चे बड़े हो गए है

बच्चे बड़े हो गए है
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शादी के बाद,
जब हमारे बच्चे हुए,
हमारी शरारतों पर लगाम लग गयी
हर बार सुनना पड़ता था बस यही
अरे, कुछ तो शर्म करो ,
बच्चे बड़े हो रहे है
धीरे धीरे बच्चे बड़े होकर स्कूल जाने लगे
तो हम अपने फालतू खर्चे घटाने लगे
बच्चों के भविष्य की चिंता में,
पैसे बचाने लगे
दिमाग में रहता था हरदम ये ख़याल
खर्चा करो संभाल,
क्योंकि बच्चे बड़े हो रहे है
और अब जब बच्चे सचमुच बड़े हो गए है
अपने पैरों पर खड़े हो गए है
अब उनका अपना एकीकृत परिवार है
मियां,बीबी,बच्चे,बस ये ही संसार है
माँ बाप,भाई बहन,ये सब जो रिश्ते नाते है
इन्हें फोन पर कभी 'हाय''हल्लो' कह कर निभाते है
फादर्स दे पर एक कार्ड पिता को,
और मदर्स दे पर एक कार्ड माँ को देते है
और अपना दायित्व निभा देते है
समझदार और प्रेक्टिकल ये हो गए है
हाँ,बच्चे सचमुच में बड़े हो गए है
माँ बाप अब भी परेशान है
सोचते है ,कि बच्चे नादान है
आज अपने दंभ में,सबको भुला कर,
अपने आप में खो रहें है
ये भी भूल जाते हैं कि ,
उनके बच्चे भी बड़े हो रहे है
उनकी समझ में ये नहीं आता है
कि इतिहास अपने आप को दोहराता है
अपना किया वो ही भरेंगे
उनके बच्चे जैसा देखेंगे,वैसा ही करेंगे
जिनके छोटे छोटे फल,
पहुँच से बहुत परे है,
ऐसे छायाविहीन खजूर के ,
ऊंचे वृक्ष बन कर खड़े हो गए है
बच्चे क्या सचमुच बड़े हो गए है ?




मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

   

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