Sunday, September 18, 2011

अब शानू ,आशीष हो गया

पापा पापा ,मम्मी,दीदी,करता कभी नहीं थकता था
सीधा सादा,आज्ञाकारी,भोला सा प्यारा लगता था
लेकिन वोदीन बचपन के था,पर अब तो वो बड़ा हो गया
इतना बड़ा हो गया है कि,सबके ऊपर खड़ा हो गया
मेहनत और लगन से सच्ची,मंजिल पायी,सफल हुआ है
दिन दूनी और रात चोगुनी,करे तरक्की,यही दुआ है
पर लगता है धीरे धीरे ,उसमे कुछ बदलाव आ गया
इतना सब कुछ पा जाने पर,एक अहम् का भाव आ गया
इतना ज्यादा उलझ गया है,पूरा करने निज सपनो को
व्यस्त हो गया,समय नहीं है,लगा भूलने है अपनों को
भूले से भी याद न करता,अब वो बड़ा रईस  हो गया
   अब शानू ,आशीष हो गया

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