Tuesday, September 27, 2011

कैसे जली स्वर्ण की लंका?

कैसे जली स्वर्ण की लंका?
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मन में आती है ये शंका
कैसे जली स्वर्ण की लंका
क्योंकि ऐसे धूं धूं करके,
सोना कभी नहीं जल सकता
मनन किया तो कारण पाया
की सोने की लंका को,
हनुमानजी ने कैसे जलाया
लंका के भवनों के शिखरों पर,
चपड़ी से चिपकी हुई,
सोने की परत थी
उसे जलाने के लिए,
बस एक चिंगारी की जरुरत थी
हनुमानजी ने ,सीता  को ढूंढते समय,
देखली थी,शिखरों पर,
उखड़ी स्वर्ण परत के नीचे,
चपड़ी काली काली
और जैसे ही उनकी पूंछ पर आग लगी,
उन्होंने छत पर कूद कूद कर,
सोने की लंका जला डाली

मदन मोहन बहेती'घोटू'

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