Wednesday, October 19, 2011

ऊष्मा

ऊष्मा
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माँ की गोद,पिता की बाहें,या पति पत्नी का आलिंगन
इनकी ऊष्मा सुखप्रदायिनी ,जिसमे भरा हुआ अपनापन
भुवन भास्कर,दिन भर तप कर,देता सबको ऊष्मा से भर
टिम टिम करता,दीपक जल कर,दे प्रकाश,लेता है तम हर
पंचतत्व में ,अगन तत्व है,जो देता इस तन को सुषमा
इससे ही जीवन चलता है ,जग में बहुत  जरूरी  ऊष्मा

मदन मोहन बाहेती'घोटू'   

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