Saturday, May 19, 2012

सबसे बड़ा अजूबा

     सबसे बड़ा अजूबा
खुदा की खुदाई से,
खुदा के बन्दों ने,कुछ पत्थर खोद निकाले
और अपनी मृत काया को सुरक्षित रखने को,
विशालकाय पिरेमिड बना  डाले
और ये पिरेमिड आज एक अजूबा है
अपनी संगेमरमर सी सुन्दर बेगम की याद में,
एक बादशाह ने,धरती की कोख से,निकले संगेमरमर
और लगा दिए कब्रगाह में,बना दिया ताजमहल
और ये ताजमहल आज एक अजूबा है
और चीन के शासकों ने,
सुरक्षित रखने को अपनी सीमायें
धरती के सीने से,कितने ही पत्थर खुदवाये
और बना डाली एक लम्बी चौड़ी दीवार
जिसे कोई भी न कर सके पार
ये चीन  की दीवार भी आज एक अजूबा है
इसी तरह ब्राजील में,पहाड़ की चोंटी पर,
हाथ फैलाए क्राइस्ट का पुतला,
या जोर्डन में पेट्रा का महल,
रोम का कोलोसियम
या पेरू का माचु पिचु
ये सारे अजूबे बनाए है ,
भगवान के गढ़े एक अजूबे ने,
जिसे कहते है इंसान
और बनाए गए है,चीर कर सीना,
उस धरती माता का,
जो अपने आप में अजूबा है महान
जिसकी कोख में एक बीज डाला जाता है
तो हज़ारों दानो में बदल जाता है
जिसके सीने पर कई उत्तंग शिखर है
और तन पर लहराते कई समंदर  है
तो आओ,पहले हम इन अजूबों को सराहें
पर उस सृष्टि कर्ता को नहीं भुलायें
जिसके इशारों पर रोज सूरज निकलता है
चाँद घटता और बढ़ता है
हवायें लहलहाती है 
पुष्पों से खुशबू आती है
क्योंकि ये सृष्टि और वो सृष्टि कर्ता ,
जो सृष्टि का संचालन करता है ,
अपने आप में संसार का सबसे बड़ा अजूबा है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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