शिकवा
गए बारिश में उनके घर ,ये सोचा भीगेगे संग संग ,
मगर जाते ही पकड़ा दी ,उन्होंने छतरियां हमको
सुनाने हाले दिल अपना ,लिखी थी प्यार से चिट्ठी ,
बता दी ढेर सारी ,व्याकरण की गलतियां हमको
हमारे तो मुकद्दर में ,लिखा है एसा उलटा कुछ ,
अकेले मिलने पहुंचे ,उनकी दादी सामने आई ,
कहा बेटा ,किया अच्छा ,जो आये ,दर्द है सर में ,
बिठा सर अपना दबवाने ,लगा उनने दिया हमको
घोटू
गए बारिश में उनके घर ,ये सोचा भीगेगे संग संग ,
मगर जाते ही पकड़ा दी ,उन्होंने छतरियां हमको
सुनाने हाले दिल अपना ,लिखी थी प्यार से चिट्ठी ,
बता दी ढेर सारी ,व्याकरण की गलतियां हमको
हमारे तो मुकद्दर में ,लिखा है एसा उलटा कुछ ,
अकेले मिलने पहुंचे ,उनकी दादी सामने आई ,
कहा बेटा ,किया अच्छा ,जो आये ,दर्द है सर में ,
बिठा सर अपना दबवाने ,लगा उनने दिया हमको
घोटू
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