घोटू की कुण्डलियाँ
नीरस जीवन
१
बूढा भंवरा क्या करे ,कोई दे बतलाय
ना तो कलियाँ 'लिफ्ट'दे,फूल न गले लगाय
फूल न गले लगाय ,जनम से रस का लोभी
नहीं मिले रस तो उसकी क्या हालत होगी
कह 'घोटू'कविराय हो गया ,उसका कूड़ा
ना घर का ना रहा घाट का,भंवरा बूढा
२
जीवन का सब रस गया ,मन में नहीं उमंग
बदल गया है इस तरह ,इस जीवन का रंग
इस जीवन का रंग,सोचता है वो मन में
रहा नहीं वो जोश ,आजकल है गुंजन में
किया 'टेंशन'दूर तभी 'घोटू'ने मन का
कहा'खुशबुएँ सूंघ ,मज़ा बस ये जीवन का'
घोटू
नीरस जीवन
१
बूढा भंवरा क्या करे ,कोई दे बतलाय
ना तो कलियाँ 'लिफ्ट'दे,फूल न गले लगाय
फूल न गले लगाय ,जनम से रस का लोभी
नहीं मिले रस तो उसकी क्या हालत होगी
कह 'घोटू'कविराय हो गया ,उसका कूड़ा
ना घर का ना रहा घाट का,भंवरा बूढा
२
जीवन का सब रस गया ,मन में नहीं उमंग
बदल गया है इस तरह ,इस जीवन का रंग
इस जीवन का रंग,सोचता है वो मन में
रहा नहीं वो जोश ,आजकल है गुंजन में
किया 'टेंशन'दूर तभी 'घोटू'ने मन का
कहा'खुशबुएँ सूंघ ,मज़ा बस ये जीवन का'
घोटू
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