जलने सभी लगे
घर के चिराग सब के सब ,अब तक थे गुल पड़े ,
सूरज को ढलता देख कर ,जलने सभी लगे
दिखलाते थे हमदर्दियां ,बिगड़े नसीब पर ,
सूरज जो चमका भाग्य का ,जलने सभी लगे
जब तक नहीं वो पास थे ,हम बेकरार थे ,
जीवन था कुछ बुझा बुझा ,मायूस बड़े थे ,
उनने जो छुआ प्यार से,आया करंट यूं,
अंगों में आग लग गयी , जलने सभी लगे
घोटू
घर के चिराग सब के सब ,अब तक थे गुल पड़े ,
सूरज को ढलता देख कर ,जलने सभी लगे
दिखलाते थे हमदर्दियां ,बिगड़े नसीब पर ,
सूरज जो चमका भाग्य का ,जलने सभी लगे
जब तक नहीं वो पास थे ,हम बेकरार थे ,
जीवन था कुछ बुझा बुझा ,मायूस बड़े थे ,
उनने जो छुआ प्यार से,आया करंट यूं,
अंगों में आग लग गयी , जलने सभी लगे
घोटू
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