Friday, December 13, 2013

बीबीजी या सुप्रीम कोर्ट

       बीबीजी या सुप्रीम कोर्ट

गरदन झुका पेश आते है हम उनके सामने,
              कहते है 'माय लार्ड 'हरेक बात के पहले 
जजमेन्ट जो वे करते है ,होता है फ़ाइनल ,
           अपनी मज़ाल क्या जो उनसे ,कुछ कभी ,कह लें
गाउन पहन के जाते है हम उनके 'कोर्ट'में,
                           थोड़े से सहमे सहमे से ,थोड़े डरे डरे 
हम अपना पक्ष रखते है ,ये उनके हाथ है,
                         तारीख बढ़ा दे या फिर वो 'कोर्टशिप' करे
हम बार बार जाते पर मिलती न हरेक बार ,
                           मदिरा की है धारायें बहुत ,उनके 'बार 'में
बीबीजी नहीं वो तो बस 'सुप्रीम कोर्ट'है,
                           बन कर वकील रह गए ,हम उनके प्यार में

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

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