शादी -दो प्रतिक्रियायें
१
था पाला पोसा प्यार से और बेटे को बड़ा किया
की शादी उसकी ,बहू लाये,उसका घर बसा दिया
अपना घर उजाड़ने की ये तो शुरुवात थी ,
चार दिन की इस खुशी में ,हमने या भुला दिया
२
वो कल तलक थी जो बहू ,अब सास बन बदल गयी
ये खेल चूहे बिल्ली का है, जिंदगी निकल गयी
ये सास क्या ये बहू क्या ,है सिर्फ इतना फर्क कि,
जमाये रौब ,सास वो,और वो बहू ,जो डर गयी
घोटू
१
था पाला पोसा प्यार से और बेटे को बड़ा किया
की शादी उसकी ,बहू लाये,उसका घर बसा दिया
अपना घर उजाड़ने की ये तो शुरुवात थी ,
चार दिन की इस खुशी में ,हमने या भुला दिया
२
वो कल तलक थी जो बहू ,अब सास बन बदल गयी
ये खेल चूहे बिल्ली का है, जिंदगी निकल गयी
ये सास क्या ये बहू क्या ,है सिर्फ इतना फर्क कि,
जमाये रौब ,सास वो,और वो बहू ,जो डर गयी
घोटू
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