Friday, January 24, 2014

प्रार्थना

         प्रार्थना
मैं तेरे आगे नतमस्तक ,
तू मेरा  मस्तक ऊंचा कर
मुझमे इतना साहस भर दे,
चलूँ उठाकर,मैं अपना सर
जीवन की सारी पीड़ाय़े ,
झेल सकूं मैं यूं ही हंसकर
हे प्रभु मुझको ऐसा वर दे,
करता रहूँ कर्म जीवन भर
भला बुरा पहचान सकूं मैं ,
मुझ में तू ऐसी शक्ति भर
चेहरे पर मुस्कान ला सकूं,
किसी दुखी की पीड़ा हर कर 
लेकिन मद और अहंकार से ,
रखना दूर ,मुझे परमेश्वर

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

No comments:

Post a Comment