Saturday, February 8, 2014

सरस्वती वंदना

          सरस्वती वंदना

भावना के प्रसूनों से ,गुंथी उज्जवल,श्वेत माला 
अलंकारों से हुआ है   रूप आभूषित निराला
श्वेत वाहन,हंस सुन्दर ,श्वेत पद्मासन तुम्हारा
श्वेत वस्त्रों से सुसज्जित ,दिव्य सुन्दर रूप प्यारा
हाथ में वीणा लिए माँ,तुम स्वरों की सुरसरी हो
बुद्धि का भण्डार हो तुम,भावनाओं से भरी  हो
भक्त,सेवक मैं तुम्हारा ,मुझे ,आशीर्वाद दो माँ
प्रीत दो,संगीत दो और ज्ञान का परशाद  दो माँ

मदन मोहन बाहेती 'घोटू' 

No comments:

Post a Comment