होली की मस्ती
१
अंग अंग में छा गयी ,खुशियां और उमंग
घोटू पर है चढ़ गया ,अब होली का रंग
अब होली का रंग,छा गयी मन में मस्ती
हुई जागृत ,बूढ़े तन में, हुस्न परस्ती
हाथों लिए गुलाल ,फाग की धूम मचाते
जो भी मिले हसीन ,गाल उसके सहलाते
२
बढ़ी उमर में हो गया है कुछ ऐसा हाल
कितने ही दिन हो गये ,छुए गुलाबी गाल
छुए गुलाबी गाल,उमर बीबी की सत्तर
झुर्राये है गाल ,हाथ क्या फेरें उन पर
घोटू निकले ये भड़ास होली पर केवल
जब मल सकें गुलाल ,हंसीं गालों पर जीभर
घोटू
१
अंग अंग में छा गयी ,खुशियां और उमंग
घोटू पर है चढ़ गया ,अब होली का रंग
अब होली का रंग,छा गयी मन में मस्ती
हुई जागृत ,बूढ़े तन में, हुस्न परस्ती
हाथों लिए गुलाल ,फाग की धूम मचाते
जो भी मिले हसीन ,गाल उसके सहलाते
२
बढ़ी उमर में हो गया है कुछ ऐसा हाल
कितने ही दिन हो गये ,छुए गुलाबी गाल
छुए गुलाबी गाल,उमर बीबी की सत्तर
झुर्राये है गाल ,हाथ क्या फेरें उन पर
घोटू निकले ये भड़ास होली पर केवल
जब मल सकें गुलाल ,हंसीं गालों पर जीभर
घोटू
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