हुस्न या मिठाई की दूकान
सुन्दर तिकोनी नाक ज्यों बर्फी बादाम की,
हो टेढ़ीमेढ़ी जलेबी या जैसे इमरती
है गाल भी गुलाबजामुन जैसे रसीले ,
रबड़ी के लच्छों की तरह बात तुम करती
तन में भरे है जैसे लड्डू मोतीचूर के,
मीठा है बड़ा स्वाद ,हर एक अंग तुम्हारा ,
लगता है तुम मिठाई की पूरी दूकान हो,
रसगुल्ले की तरह पूरी रस से टपकती
घोटू
सुन्दर तिकोनी नाक ज्यों बर्फी बादाम की,
हो टेढ़ीमेढ़ी जलेबी या जैसे इमरती
है गाल भी गुलाबजामुन जैसे रसीले ,
रबड़ी के लच्छों की तरह बात तुम करती
तन में भरे है जैसे लड्डू मोतीचूर के,
मीठा है बड़ा स्वाद ,हर एक अंग तुम्हारा ,
लगता है तुम मिठाई की पूरी दूकान हो,
रसगुल्ले की तरह पूरी रस से टपकती
घोटू
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