कम्बल
मुश्किल से ही मिल पाता है ,
जो सुख हमको केवल,कुछ पल
उस सुख से लाभान्वित होते ,
रहते हो तुम,रात रात भर
बड़े प्यार से छाये रहते
हो गौरी के तन के ऊपर
लोग तुम्हे कहते है कम्बल ,
पर तुममे सबसे ज्यादा बल
घोटू
मुश्किल से ही मिल पाता है ,
जो सुख हमको केवल,कुछ पल
उस सुख से लाभान्वित होते ,
रहते हो तुम,रात रात भर
बड़े प्यार से छाये रहते
हो गौरी के तन के ऊपर
लोग तुम्हे कहते है कम्बल ,
पर तुममे सबसे ज्यादा बल
घोटू
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