Sunday, November 16, 2014

            कर्णधारों से

कितने ही ताले लगवा लो ,दरवाजे तुम बंद  करवा लो
सीमाओं पर तुम कितने ही ,काँटेवाले  तार लगालो 
लेकिन जब तक मुस्तैदी से,अगर चौकसी नहीं बढ़ेगी
तब तक इन दहशतगर्दों की ,आवाजाही  नहीं रुकेगी
ताले चोरी नहीं रोकते ,     उलटे चोरी करवाते है
जब सूनापन सा दिखता है,चोर दिवार  फांद आते है
कोई चौकीदार अकेला ,चोरी नहीं रोक पाता   है
हमें जागरूक वो करता है ,चोर तभी तो घबराता है
आमंत्रित कर रहे चोर को ,दरवाजे पर लटका ताला
किन्तु सुरक्षा के चक्कर में ,तुमने क्या निर्णय ले डाला
काश्मीर में बढ़ा सुरक्षा ,राजस्थानी सीमा सूनी
दुश्मन को आवाजाही की ,छूट मिला करती है दूनी
इससे ज्यादा बेहतर ये है ,बढे चौकसी और निगरानी
खुली रखें सब अपनी आँखें ,तभी सुरक्षित घर के प्राणी
 सीमा पर प्रहरी बढ़वाओ, अच्छा बंदोबस्त रहेगा
हो सतर्क हर एक नागरिक,तभी सुरक्षित देश रहेगा
कम जाते है चोर जहाँ पर ,चहल पहल रहती रौनक है
सीमा पर बढ़ जाए सजगता ,सबसे ज्यादा आवश्यक है
हमें सुरक्षा घरवालों की ,करना है देख भाल जरूरी 
बूढ़े,बच्चे ,महिलाओं की  ,दिक्कत का भी ख्याल जरूरी
लेकिन जब तक चौकीदारी और सुरक्षा ना सुधरेगी 
दरवाजे बंद करवाने से ,दहशतगर्दी  नहीं  रुकेगी

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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