ना इधर के रहे ना उधर के रहे
उनने डाली नहीं ,घास हमको ज़रा ,
चाह में जिनकी आहें हम भरते रहे
चाहते थे क़ि कैसे भी पट जाए वो,
लाख कोशिश पटाने की करते रहे
उम्र यूं ही कटी ,वो मगर ना पटी ,
घर की बीबी को 'निगलेक्ट 'करते रहे
ना घर के रहे हम,नहीं घाट के ,
ना इधर के रहे ,ना उधर के रहे
घोटू
उनने डाली नहीं ,घास हमको ज़रा ,
चाह में जिनकी आहें हम भरते रहे
चाहते थे क़ि कैसे भी पट जाए वो,
लाख कोशिश पटाने की करते रहे
उम्र यूं ही कटी ,वो मगर ना पटी ,
घर की बीबी को 'निगलेक्ट 'करते रहे
ना घर के रहे हम,नहीं घाट के ,
ना इधर के रहे ,ना उधर के रहे
घोटू
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