Friday, April 17, 2015

खुशहाल चमन

             खुशहाल चमन

जहाँ बेख़ौफ़ होकर खिलती  कलियाँ ,लहलहाती है
जहाँ पंछी करे कलरव ,कुहू कोकिल   सुनाती  है
जहाँ मंडराया करती ,नाचती है तितलियाँ सुन्दर
जहाँ पर आशिक़ी फूलों से करते ,भ्रमर गुनगुन कर
जहाँ छायी हो हरियाली , हवा बहती रहे  शीतल
जहाँ गुलाब,बेला और चमेली खिलते है मिलकर
चमन आबाद वो रहता ,महकते फूल मुस्काते
कभी भी उसकी शाखों पर ,न उल्लू घर बसा पाते
रहेगी उस गुलिस्तां में, हमेशा खुशियां,  खुशहाली
सींचता ख्याल रख जिसको ,लुटाता प्यार हो माली

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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