Thursday, June 11, 2015

राम मिलाई जोड़ी

            राम मिलाई जोड़ी

कुछ जोड़ी घरवाले  जोड़े, कोई संग टांका जुड़ जाता
पर कहते है सभी जोड़ियां  ,ऊपरवाला ,स्वयं बनाता
कुछ बेजोड़ ,स्वर्ण आभूषण में ज्यों हीरा जाय जड़ाया
ऐसा लगता ,ईश्वर ने खुद,एक दूजे के लिए   बनाया
कुछ जोड़ी बेमेल इस तरह ,जैसे ऊँट गले में बिल्ली
किन्तु मजे से जीवन जीते,चाहे लोग उड़ाएं खिल्ली
कुछ बनती है मजबूरी में ,और कुछ 'शार्टटर्म 'होती है
और किसी के लिए रीत ये ,सबसे बड़ा  धर्म होती है
एक दूजे के गुण अवगुण से ,एडजस्ट है सब हो जाते
और जिंदगी कट जाती है,यूं ही  हँसते,रोते , गाते  
कोई करे कदर बीबी की ,मोटी  लाये ,दहेजी पेटी
कोई पत्नी से डरता है ,क्योंकि बड़े  बाप की  बेटी
कोई का पति दब्बू होता ,कोई की पत्नी दबंग है
पर चढ़ जाता धीरे धीरे ,उन पर एक दूजे का रंग है
पत्नी होती जादूगरनी ,पति पर ऐसा करती जादू
देता भूला ,बाप माँ सबको,पति आता ,पत्नी के काबू
कुछ को रुचे न घर का खाना ,इधर उधर मुंह मारा करते
पर कैसे भी,किसी तरह भी ,जीवन साथ  गुजारा करते
पति पत्नी के बीच हमेशा ,होती रहती खटपट  थोड़ी
किन्तु समर्पित एक दूजे पर ,राम मिलाता सबकी जोड़ी

घोटू

No comments:

Post a Comment