मधुमक्खी सी औरतें
औरतें होती है ,मधुमक्खी सी कर्मठ
परिवार हित करती दिन भर ही है खटपट
उड़ उड़ कर ,पुष्पों से ,करती है मधु संचित
छत्ते को भर देती ,रह जाती ,खुद वंचित
डालता छत्ते पर ,कोई जो बुरी नज़र
काट काट उसका वो बुरा हाल देती कर
एक दूजे संग गहरा ,बड़ा प्यार है इनका
बसा मधु छत्ते में ,परिवार है इनका
घोटू
औरतें होती है ,मधुमक्खी सी कर्मठ
परिवार हित करती दिन भर ही है खटपट
उड़ उड़ कर ,पुष्पों से ,करती है मधु संचित
छत्ते को भर देती ,रह जाती ,खुद वंचित
डालता छत्ते पर ,कोई जो बुरी नज़र
काट काट उसका वो बुरा हाल देती कर
एक दूजे संग गहरा ,बड़ा प्यार है इनका
बसा मधु छत्ते में ,परिवार है इनका
घोटू
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