प्रेमपथ
कितने ही बड़े से बड़े साहब की घरवाली
कितनी ही आधुनिक हो,सजीधजी, निराली
हर सुबह और शाम,
हाथ में बेलन थाम
अपने रसोई घर में ,
करती मिलेगी काम
क्योंकि 'किचन' का ,
सुखी वैवाहिक जीवन से बड़ा नाता है
पति के दिल का रास्ता ,
पेट से,'व्हाया 'किचन 'जाता है
घोटू
कितने ही बड़े से बड़े साहब की घरवाली
कितनी ही आधुनिक हो,सजीधजी, निराली
हर सुबह और शाम,
हाथ में बेलन थाम
अपने रसोई घर में ,
करती मिलेगी काम
क्योंकि 'किचन' का ,
सुखी वैवाहिक जीवन से बड़ा नाता है
पति के दिल का रास्ता ,
पेट से,'व्हाया 'किचन 'जाता है
घोटू
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