Monday, August 8, 2016

पत्र पुष्प में खुश हो जाते

हरीभरी दूर्वा चुनचुन कर ,लाया हूँ मैं ख़ास
                         प्रभूजी ,तुम्हे चढाऊँ घास 
हे गणेश,गणपति गजानन
हराभरा कर दो मम जीवन
अगर आपका वरदहस्त हो,
खुशियों से महके घर,आंगन
भोग चढायेगा मोदक का,ये तुम्हारा दास
                      प्रभूजी ,तुम्हे चढाऊँ घास    
हे भोले बाबा शिव शंकर
मै बिलपत्र चढ़ाऊँ तुम पर 
आक,धतूरा ,भाँग चढ़ाऊँ ,
प्रभूजी कृपा करो तुम मुझपर
मनोकामना पूरी होगी ,मन में है विश्वास
                       प्रभूजी ,तुम्हे चढाऊँ घास 
शालिग्राम ,विष्णू,नारायण
तुलसी पत्र करूं  मै अर्पण
पत्र पुष्प से खुश हो कर के ,
इतनी कृपा करो बस भगवन
मेरे घर में ,लक्ष्मी मैया का हो हरदम वास
                          प्रभूजी,तुम्हे चढ़ाऊँ घास
देव ,तुम्हे प्यारी हरियाली
तुम दाता हो,दो खुशहाली
हरे हरे नोटों से भगवन ,
भर दो,मेरी झोली खाली
मेरी सारी परेशानियां ,झट हो जाए खलास
                           प्रभूजी,तुम्हे चढाऊँ घास

घोटू
            

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