क्या इसीलिये हम है स्वतंत्र
आओ हाथों में पत्थर ले ,हम एक दूसरे पर फेंकें
मन की भड़ास कोदूर करें ,हम औरों को गाली देके
एक दूजे की टांग खींच हम ,कोई को भी ना बढ़ने दे
कोई ना दोस्त किसीका हो,सबको आपस में लड़ने दे
अपनी निर्माण शक्तियों को हम चलो बनादे विध्वंशक
अपने प्रगतिशील विचारों को ,ले जाएँ हम बर्बादी तक
आजादी की अभिव्यक्ति का हर व्यक्ति लाभ पूरा ले ले
एक दूजे पर कालिख पोते ,और कीचड़ से होली खेलें
हम एक दूजे की निंदा कर ,फैलाये गंदगी यत्र तत्र
क्या ये मतलब आजादी का ,क्या इसीलिये हम है स्वतंत्र
घोटू
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