जीवन की फड़फड़ाहट
उन्मुक्त बचपन की चहचहाहट
किशोरावस्था की कुलबुलाहट
जवानी की सुगबुगाहट
हुस्न की चमचमाहट
मन में प्यार की गरमाहट
पत्नी के कोमल हाथों की थपथपाहट
हनीमून की खिलखिलाहट
प्यार और जिम्मेदारियों की मिलावट
गृहस्थी की गड़बड़ाहट
पैसा कमाने की हड़बड़ाहट
जीवन की गाडी की खड़खड़ाहट
परेशानिया और छटपटाहट
आने लगती है थकावट
जब रूकती है व्यस्तता की फड़फड़ाहट
आती है बुढ़ापे की फुसफुसाहट
शिथिल तन की कुलबुलाहट
नज़रों की धुंधलाहट
गायब होती मौजमस्ती की गमगमाहट
मन में होती झनझनाहट
अंकल कहे जाने पर चिड़चिड़ाहट
स्वास्थ्य में गिरावट
हर काम में रुकावट
ऐसे में भगवान के प्रति झुकावट
पुरानी यादों की गरमाहट
और चेहरे पर मुस्कराहट
दूर कर देती है बुढ़ापे की गड़बड़ाहट
मदनमोहन बाहेती 'घोटू '
No comments:
Post a Comment