Saturday, March 28, 2020

करोना का कहर - आठों प्रहर

कल कुर्सी का हथ्था बोला  ,कब तक बांह दबाओगे ,
थोड़ी देर छोड़ दो मुझको ,खुला चैन से रहने दो
टी वी का रिमोट मिमियाया ,बार बार क्यों बटन दबा,
 मेरी हालत पतली करदी ,मुझको टिक कर रहने दो
सिरहाने का तकिया भी गुस्सा हो मुझ पर गुर्राया ,
बोअर हो गया ,खर्राटे सुन ,हटो ,सांस लेनी मुझको
बीबी बोली बंद करो यह तरह तरह की फरमाइश ,
रोज पकाना ,झाड़ू ,बरतन ,सब करना पड़ता मुझको
हाथ जोड़ कर साबुन बोला  ,बार बार घिसते मुझको ,
धोकर हाथ पड़े हो पीछे ,चैन न तुमको आये है
अरे करोना ,सत्यानाशी ,तूने ये हालत करदी ,
तुझ कारण ,एकांतवास ने ,क्या क्या दिन दिखलाये है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

No comments:

Post a Comment