प्यार या कोरोना
मैंने जब से उन्हें छुआ है ,जीवन में ऐसा रस आया
मैं हुआ बीमार प्यार में ,मुझ पर उसका,जादू छाया
मैं तनहा ,एकाकी रह कर ,यादों में बस डूबा रहता
मुंह पर ताला लगा अकेला ,मन की बातें किससे कहता
धोकर हाथ पड़े पर पीछे ,मेरे शुभचिन्तक बहुतेरे
कैसे भी यह भूत प्यार का ,उतर जाए बस ,सर से मेरे
जिसने था कर दिया संक्रमित मेरे दिल का कोना कोना
बोले ये रस नहीं प्यार का ,बल्कि वायरस है कोरोना
घोटू
मैंने जब से उन्हें छुआ है ,जीवन में ऐसा रस आया
मैं हुआ बीमार प्यार में ,मुझ पर उसका,जादू छाया
मैं तनहा ,एकाकी रह कर ,यादों में बस डूबा रहता
मुंह पर ताला लगा अकेला ,मन की बातें किससे कहता
धोकर हाथ पड़े पर पीछे ,मेरे शुभचिन्तक बहुतेरे
कैसे भी यह भूत प्यार का ,उतर जाए बस ,सर से मेरे
जिसने था कर दिया संक्रमित मेरे दिल का कोना कोना
बोले ये रस नहीं प्यार का ,बल्कि वायरस है कोरोना
घोटू
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